भोपाल। मध्यप्रदेश की 24 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इसमें कुछ को रिपीट किया गया तो कुछ चेहरे बदले गए हैं। वहीं, इस सूची में प्रज्ञा ठाकुर का नाम नहीं है। बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है। भोपाल से आलोक शर्मा को टिकट दिया गया है।
इसलिए कटा साध्वी प्रज्ञा का टिकट
दरअसल प्रज्ञा ठाकुर का टिकट कटने के पीछे का कारण है उनका संसदीय कार्यकाल के दौरान विवादों में रहना। बताया जा रहा है की केंद्रीय नेतृत्व उनकी बयानबाजी के कारण उनसे नाखुश है। प्रज्ञा को बीजेपी ने 2019 में रक्षा संबंधी 21 सदस्यीय संसदीय कंसल्टेटिव कमिटी में शामिल किया था लेकिन उनके एक बयान के बाद उन्हें इस कमिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उन्होंने संसद भवन में नाथू राम गोडसे को राष्ट्रभक्त करार दिया था। जिसकी न केवल विपक्ष ने आलोचना की थी बल्कि सात दिन के अंदर ही प्रज्ञा को रक्षा संबंधी कमिटी से हटा दिया गया था। पीएम मोदी ने भी कड़े शब्दों में इसकी निंदा की थी। पीएम मोदी ने सख्त लहजे में कहा था कि प्रज्ञा ने भले ही माफी मान ली हो लेकिन मैं दिल से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाउंगा।
प्रज्ञा ने दिग्विजय को हराया था
बतादें 2019 में प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल से टिकट दिया था। उन्हें बीजेपी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा था। पार्टी की उम्मीद पर खरी उतरते हुए दिग्विजय सिंह को प्रज्ञा ने बड़े अंतर से हराया था। प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोटों से हराया था।
प्रज्ञा ने दिग्विजय को हराया था
बतादें 2019 में प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल से टिकट दिया था। उन्हें बीजेपी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा था। पार्टी की उम्मीद पर खरी उतरते हुए दिग्विजय सिंह को प्रज्ञा ने बड़े अंतर से हराया था। प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोटों से हराया था।
आलोक शर्मा की हिंदू वाले नेता की छवि
वहीं भाजपा ने विधानसभा चुनाव हारे और पूर्व महापौर आलोक शर्मा को भोपाल से प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले अलोक शर्मा को भाजपा ने उत्तर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था। हालांकि उनको हार का सामना करना पड़ा। 53 वर्षीय आलोक शर्मा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष है और काफी सक्रिय रहते हैं। स्थानीय नेता और पार्टी नेताओं की पंसद के चलते आलोक शर्मा को पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भोपाल से प्रत्याशी बनाया है। आलोक शर्मा की हिंदू वाले नेता की छवि है।
पूर्व सीएम शिवराज के काफी करीबी है आलोक
भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट पर सक्रीय रहने वाले आलोक शर्मा दो बार यहां से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि, दोनों ही बार उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा है। साल 2008 में आरिफ अकील के सामने वो भाजपा के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे थे, जबकि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में वो पूर्व विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील के सामने उतरे थे। आलोक शर्मा इससे पहले पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। पूर्व महापौर और पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं। यही नहीं, आलोक शर्मा को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी नेताओं में से एक माना जाता है।
भोपाल सीट पर 1989 से है भाजपा का कब्जा
1989- सुशील चंद्र वर्मा, 1991- सुशील चंद्र वर्मा, 1996- सुशील चंद्र वर्मा, 1998- सुशील चंद्र शर्मा, 1999- उमा भारती, 2004- कैलाश जोशी, 2009- कैलाश जोशी, 2014- आलोक संजर, 2019- प्रज्ञा सिंह ठाकुर।